360 ऋषि प्रसाद: दिसंबर 2022

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

ऐसे दुःख पर करोड़ों करोड़ों सुख कुर्बान – पूज्य बापू जी


जो गुरु के वचनों को ठीक ढंग से स्वीकार करे वह शिष्य है । जो गुरु के वचन में दोष देखे वह शिष्य ‘शिष्य’ नहीं कहा जाता, वह कृतघ्न कहा जाता है, कुशिष्य कहा जाता है । भगवान वसिष्ठजी श्रीरामचन्द्रजी को कहते हैं- “हे राम जी ! दुर्बुद्धि का त्याग करो ।” और यह शास्त्र …

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जीवन को साधनामय बनाने की कला – पूज्य बापू जी


उद्यमः साहसं धैर्यं बुद्धिः शक्तिः पराक्रमः । षडेते यत्र वर्तन्ते तत्र देवः सहायकृत् ।। व्यक्ति ठीक उद्यम करे, साहसी बने, थोड़ा धैर्य रखे… । जीवन में देखा जाय तो मनुष्य जीवन साधन-जीवन है, साधनामय जीवन है । हर रोज़ अपने-आप जीवन को साधन-जीवन बनाने का अवसर आता है । बस, इस अवसर को न गँवाकर …

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ऐसा करोगे तो भगवान तुम पर बहुत खुश हो जायेंगे – पूज्य बापू जी


ध्यान में आप अपनी मेहनत से कुछ करोगे तो बहुत वर्ष लग जायेंगे । शीघ्र काम बन जाय इसके लिए मैं आपको एक तरकीब बताता हूँ । जैसे बच्चा पिता की उँगली पकड़ के चले तो बच्चे की जिम्मेदारी होती है पर पिता अगर बच्चे का हाथ पकड़ ले, उँगली पकड़ ले तो बच्चे का …

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