362 ऋषि प्रसाद: फरवरी 2023

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

परमात्म साक्षात्कार के लिए यह भजन नींव का काम करेगा –
पूज्य बापू जी


जिनका आयुष्य पूरा हो रहा है (जो मृत्युशैय्या पर हो) अथवाजिनका शरीर शांत हो गया है उनके लिए एक भजन बनाया है ताकिउनको ऊँची गति, मोक्षप्राप्ति में मदद मिले । मृतक व्यक्ति के लिएरुदन नहीं करना चाहिए, कीर्तन करना चाहिए । कीर्तन तो लोग करते हैंलेकिन मृतक व्यक्ति की सदगति करने वाला ऐसा भजन बना …

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नमस्कार क्यों ?


नमस्कार अर्थात् क्या ?पूज्य बापू जी के सत्संग-वचनामृत में आता हैः “अब नमस्कार काअर्थ समझ लो । वैष्णव शास्त्र नमस्कार का अर्थ करता हैः न मे इतिनमः । यह शरीर मैं नहीं हूँ, यह मेरा नहीं है, मन मैं नहीं हूँ, यह मेरानहीं है और आधिभौतिक चीजें मेरी नहीं हैं… तो मैं क्या हूँ ? …

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अब ‘आर बेला नाई’ – पूज्य बापू जी


कोलकाता की एक घटना है । किसी सेठ के यहाँ दूध देने वालीग्वालिन आती थी । उसने दूध देने के बाद मुनीम से पैसे माँगे । मुनीमने कहाः “अभी थोड़ा हिसाब कर रहा हूँ, बाद में आना ।”वह गयी, उसको जहाँ कहीं दूध देना था, देकर थोड़ी देर के बादआयी । मुनीम व्यस्त था, उसने …

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