364 ऋषि प्रसाद: अप्रैल 2023

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

निर्मल वैराग्य का स्वरूप – स्वामी अखंडानंद जी


जो ईश्वर की प्राप्ति चाहते हैं, आत्मतत्त्व का ज्ञान चाहते हैं उन्हेंजीवन में साधना की आवश्यकता होती ही है । जब तुम कहीं जानाचाहते हो तो जहाँ ठहरे हो उस स्थान और वहाँ की सुख-सुविधा का मोहतो छोड़ना ही पड़ता है । इसी प्रकार परमार्थ के पथ पर चलने के लिएसंसार का राग छोड़ ही …

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चलता पुरजा चलता ही रहेगा – पूज्य बापू जी


कुछ लोग समझते हैं कि छल-कपट करने वाला व्यक्ति बड़ा होताहै । बोलते हैं- ‘यह बड़ा चलता पुरजा है ।’ तो वह पुरजा चलता हीरहेगा कई चौरासी लाख योनियों में । चतुराई चूल्हे पड़ी… यह बात मानेतो ठीक है, नहीं तो बने चतुर । जो जितना ज्यादा चतुर बनता है वहसंसार में उतना ही ज्यादा …

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कर्ज निवारण व धनवृद्धि हेतु रखें इन बातों का ध्यान


झाडू को कभी पैर न लगायें ।भोजन बनाने के बाद तवा, कढ़ाई या अऩ्य बर्तन चूल्हे से उतारकरनीचे रखें ।घऱ के दरवाजे को कभी पैर से ठोकर मार के न खोलें ।देहली (देहलीज) पर बैठकर कभी भोजन न करें ।सुबह-शाम की पहली रोटी गाय के लिए बनायें व समय-अनुकूलताअनुसार खिला दें ।घऱ के बड़ों को …

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