364 ऋषि प्रसाद: अप्रैल 2023

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

वह मदिरापान करता है


स्त्रीपात्रभुंनरः पापः स्त्रीणामुच्छिष्टभुक्तथा ।।तया सह च यो भुंक्ते स भुंक्ते मद्यमेव हि ।न तस्य निष्कृतिर्दृष्टा मुनिभिस्तत्त्वदर्शिभिः ।।‘जो पापी स्त्री के भोजन किए हुए पात्र में भोजन करता है, स्त्रीका जूठा खाता है तथा स्त्री के साथ एक बर्तन में भोजन करता है, वहमानो मदिरा-पान करता है । तत्त्वदर्शी मुनियों ने उस पाप से छूटने काकोई …

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मन नहीं लगता तो क्या करें – पूज्य बापू जी


लोग कहते हैं- ‘मन नहीं लगता, क्या करें ?’ उसे रस नहीं आताइसलिए नहीं लगता । तो खोजो उसे कहाँ रस आ रहा है ? तुच्छविकारों में, मनोराज में, काहे में रस आ रहा है ? जब मन भगवद्-अनुकूल और भगवान के प्रति आकर्षित होता है तो वह भगवान मेंतल्लीन होता है और उसके द्वारा …

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पृथ्वी के देव हैं सेवाभावी ईमानदार शिष्यः – पूज्य बापू जी


सत्संग से हमें वह रास्ता मिलता है जिससे हमारा तो उद्धार होजाता है, हमारी 21 पीढ़ियाँ भी तर जाती हैं ।बिनु सत्संग न हरि कथा तेहि बिनु मोह न भाग ।मोह गएँ बिनु राम पद होइ न दृढ़ अनुराग ।।(श्री रामचरित. उ.कां. 61)जहाँ ब्रह्मज्ञानी महापुरुषों का सत्संग मिलता है ऐसी जगह परजाते हैं तो एक …

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