365 ऋषि प्रसाद: मई 2023

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

आया, बैठा और पा के मुक्त हो गया – पूज्य बापू जी


एक दिन महात्मा बुद्ध अपनी झोंपड़ी के बाहर बैठे थे, उनकाशिष्य आऩंद अंदर था । एक व्यक्ति आया, बोलाः “भंते ! मैं आपकेपास वह बात सुनने को आया हूँ जो कही नहीं जाती, वह बात समझनेको आया हूँ जो समझायी नहीं जाती, मैं उसको जानने आया हूँ जिसकोजानने वाला स्वयं रहता नहीं ।”उसने अहोभाव से, …

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उनकी महिमा वेद भी नहीं जान पाये – संत एकनाथ जी


‘गुरु’ शब्द का अर्थ है ‘भारी’ लेकिन वह इतना हलका है किभवसागर से स्वयं तो तैरता है, शिष्य को भी पार कराता है । गुरु तत्त्वका आदि, मध्य और अंत वेद भी नहीं जान पाये । ये ही आनंदघनसद्गुरु जनार्दन है जिन्होंने मेरा एकाकीपन दूर कर इस एक ‘एका’(एकनाथ) को पावन कर दिया । और …

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आप भी ऐसे नर रत्न बन सकते हो – पूज्य बापू जी


बाल गंगाधर तिलक 5वीं कक्षा में पढ़ते थे तब की बात हैः एकबार कक्षा में किसी बच्चे ने मूँगफली खायी और छिलके वहीँ फेंक दिये। अंग्रेज शासन था, हिन्दुस्तानियों को डाँट-फटकार के, दबा के रखते थे। मास्टर आया और रूआब मारते हुए बोलाः “किसने मूँगफली खायी ?”कोई भी लड़का बोला नहीं तो मास्टर ने कहाः …

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