तो मैं अपने धर्म का त्याग क्यों करूँ ?
महात्मा आनंद स्वामी के पिता थे गणेशदास जी। वे एक रिटायर्ड कर्नल के यहाँ मुंशीगिरी करते थे। वहाँ रहते हुए धर्म पर से उनका धीरे-धीरे विश्वास उठता गया। एक दिन उन्होंने ईसाई बनने की ठान ली। सभी लोग इस निर्णय से हैरान परेशान हो गये पर ईसाइयों के लिए यह बड़ी विजय का सूचक था। …