088 ऋषि प्रसादः अप्रैल 2000

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

भगवान के अवतार भारत में ही क्यों ?


संत श्री आसारामजी बापू के सत्संग-प्रवचन से यह प्रकृति का विधान है कि जिसे जिस समय जिस वस्तु की अत्यन्त आवश्कता होती है उसे पूरी करने वाला उसके पास पहुँच जाता है या तो मनुष्य स्वयं ही वहाँ पहुँच जाता है जहाँ उसकी आवश्यकता पूरी होने वाली है। मुझसे ʹविश्व धर्म संसदʹ में पत्रकारों ने …

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द्रव्यशक्ति एवं भावशक्ति


संत श्री आसाराम जी बापू के सत्संग प्रवचन से दो प्रकार की शक्तियाँ होती हैं- द्रव्यशक्ति और भावशक्ति। द्रव्यशक्ति और भावशक्ति से ही संस्कार बनते हैं… द्रव्य संस्कार और भावसंस्कार। इन दो शक्तियों के आधार पर ही सबका जीवन चलता है। अन्न, जल, फल आदि जो द्रव्य हम खाते हैं, उनसे हमारे शरीर को पुष्टि …

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तरबूज


ग्रीष्म ऋतु का फल तरबूज प्रायः पूरे भारत में पाया जाता है। पका हुआ फल लाल गूदेवाला तरबूज स्वाद में मधुर, गुण में शीतल, पित्त एवं गर्मी का शमन करने वाला, पौष्टिकता एवं तृप्ति देने वाला, पेट साफ करने वाला, मूत्रल एवं कफकारक है। कच्चा तरबूज गुण में ठंडा, दस्त को रोकने वाला, कफकारक, पचने …

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