094 ऋषि प्रसादः अक्तूबर 2000

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

आँवला


आयुर्वेद के मतानुसार, आँवले थोड़े खट्टे, कसैले, मीठे, ठंडे, हल्के, त्रिदोष (वात-पित-कफ) का नाश करने वाले, रक्तशुद्धि करने वाले, रुचिकर, मूत्रल, पौष्टिक, वीर्यवर्धक, केशवर्धक, टूटी अस्थि जोड़ने में सहायक, कांतिवर्धक, नेत्रज्योतिवर्धक, गर्मीनाशक एवं दाँतों को मजबूती प्रदान करने वाले होते हैं। आँवले वातरक्त, रक्तप्रदर, बवासीर, दाह, अजीर्ण, श्वास, खांसी, दस्त, पीलिया एवं क्षय जैसे रोगों …

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अहंकार का खेल


संत श्री आसारामजी बापू के सत्संग-प्रवचन से प्रकृतेः क्रियामाणानि गुणैः कर्माणि सर्वशः। अहंकारविमूढात्मा कर्ताहमिति मन्यते।। ʹवास्तव में सम्पूर्ण कर्म प्रकृति के गुणों द्वारा किये जाते हैं। परन्तु अहंकार से मोहित हुआ पुरुष ʹमैं कर्ता हूँʹ ऐसा मान लेता है।ʹ (भगवदगीताः 3-27) किसी छोटे किसान के घर लड़की वाले लड़का देखने आने वाले थे। किसान ने …

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