111 ऋषि प्रसादः मार्च 2002

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

स्वभाव पर विजय


संत श्री आसाराम जी बापू के सत्संग-प्रवचन से श्री कृष्ण से उद्धवजी ने पूछाः “बड़े में बड़ा पुरुषार्थ क्या है ? बड़ी उपलब्धि क्या है ? बड़ी बहादुरी किसमें है ?” श्रीकृष्ण ने कहाः “स्वभावं विजयः शौर्यः …… विषयों के प्रति इन्द्रियों का आकर्षित होने का जो स्वभाव है उस पर विजय पाकर आत्मसुख में …

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सत्संग की महिमा


संत श्री आसाराम जी बापू के सत्संग-प्रवचन से स्वाध्यायान्मा प्रमदः। स्वाध्याय में प्रमाद नहीं करना चाहिए। स्वाध्याय के तीन प्रकार हैं- कर्मकाण्डपरक स्वाध्याय। उपासनाकाण्डपरक स्वाध्याय। ज्ञानकाण्डपरक स्वाध्याय। वेदों में कुल 1,00,000 मंत्र हैं। उनमें से 80,000 मंत्र कर्मकाण्ड के हैं, 16,000 मंत्र उपासनाकाण्ड के हैं और 4,000 मंत्र ज्ञानकाण्ड के हैं। जितने विद्यार्थी बालमंदिर और …

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सत् और असत् क्या है ?


संत श्री आसाराम जी बापू के सत्संग प्रवचन से ‘श्री योगवाशिष्ठ महारामायण’ में श्री वशिष्ठजी महाराज कहते हैं- “हे राम जी ! तुम इसी को विचारो कि सत् क्या है और असत् क्या है ? ऐसे विचार से सत् का आश्रय करो और असत् का त्याग करो।” सत् क्या है, असत् क्या है ? सत् …

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