जब प्याला पिया गुरु प्रेम का, होगा असर किस जहर का ?
(पूज्य बापू जी के सत्संग-प्रवचन से) वसिष्ठ जी महाराज ‘श्रीयोगवासिष्ठ महारामायण’ में कहते हैं- “हे राम जी ! त्रिभुवन में ऐसा कौन है जो संत की आज्ञा का उल्लंघन करके सुखी रह सके ?” संत परम हितकारी होते हैं । वे जो कुछ कहें, उसका पालन करने के लिए डट जाना चाहिए । इसी में …