202 ऋषि प्रसादः अक्तूबर 2009

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

दिव्य औषधिः पंचगव्य


गोमूत्र, गोबर का रस, गोदुग्ध, गोदधि व गोघृत का निश्चित अनुपास में मिश्रण ‘पंचगव्य’ कहलाता है । जैसे पृथ्वी, जल, तेज आदि पंचमहाभूत सृष्टि का आधार हैं, वैसे ही स्वस्थ, सुखी व सुसम्पन्न जीवन का आधार गौ प्रदत्त ये पाँच अनमोल द्रव्य हैं । पंचगव्य मनुष्य के शरीर को शुद्ध कर स्वस्थ, सात्त्विक व बलवान …

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चमत्कार का रहस्य


(पूज्य बापू जी के सत्संग से) संत एकनाथ जी महाराज के पास एक बड़े अद्भुत दण्डी संन्यासी आया करते थे । एकनाथ जी उन्हें बहुत प्यार करते थे । वे संन्यासी यह मंत्र जानते थेः ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात् पूर्णमुदच्यते । पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते ।। ॐ शांतिः ! शांतिः !! शांतिः !!! और इसको ठीक …

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वास्तविक लाभ पाने का दिनः लाभपंचमी


(लाभपंचमीः 23 अक्तूबर 2009) (पूज्य बापू जी का पावन सन्देश कार्तिक शुक्ल पंचमी ‘लाभपंचमी’ कहलाती है । इसे ‘सौभाग्य पंचमी’ भी कहते हैं । जैन लोग इसे ‘ज्ञान पंचमी’ कहते हैं । व्यापारी लोग अपने धंधे का मुहूर्त आदि लाभपंचमी को ही करते हैं । लाभपंचमी के दिन धर्मसम्मत जो भी धंधा शुरु किया जाता …

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