205 ऋषि प्रसादः जनवरी 2010

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

उत्तम में उत्तम सेवक हैं भगवान !


(पूज्य बापू जी के सत्संग प्रवचन से) भगवान जैसा सेवक त्रिलोकी में मिलना असम्भव है। भगवान हमारे स्वामी तो हैं ही हैं, लेकिन भगवान जैसा सेवक भी हमारा दूसरा कोई नहीं हो सकता। कितनी सेवा करते हैं हमारी ! माँ हमारे शरीर की जन्मदात्री तो है लेकिन माँ  जैसी हमारी देखभाल करने वाली कोई सेविका …

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उपाधि हटाओ, व्यापक हो जाओ


(पूज्य बापू के सत्संग प्रवचन से) जैसे तरंग पानी को खोजने जाये तो बहुत कठिन होगा लेकिन तरंग शांत हो जाय, फिर पानी को खोजे तो पहले वह पानी है बाद में तरंग है। गहना सोने को खोजने जाय तो पहले वह सोना है बाद में गहना है। घड़ा मिट्टी को खोजे तो पहले वह …

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संतों के खिलाफ सोची-समझी साजिश


श्री कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम् महाराज आज यह जो राजू चांडक नामक शख्स संत आसारामजी बापू पर घिनौने लगा रहा है वह पूर्व में हमसे भी कई बार मिला था, क्योंकि हमको बहुत से व्यक्ति मिलते हैं। मुझे उसके क्रियाकलापों से ऐसा लगता है कि वह संत आसारामजी के बहुत ही खिलाफ था और …

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