उत्तम में उत्तम सेवक हैं भगवान !
(पूज्य बापू जी के सत्संग प्रवचन से) भगवान जैसा सेवक त्रिलोकी में मिलना असम्भव है। भगवान हमारे स्वामी तो हैं ही हैं, लेकिन भगवान जैसा सेवक भी हमारा दूसरा कोई नहीं हो सकता। कितनी सेवा करते हैं हमारी ! माँ हमारे शरीर की जन्मदात्री तो है लेकिन माँ जैसी हमारी देखभाल करने वाली कोई सेविका …