212 ऋषि प्रसादः अगस्त 2010

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

नम्रता की मूर्तिः तुलसीदास जी


(संत तुलसीदासजी जयंतीः 16 अगस्त) संत विनोबाजी भावे कहते हैं – “मुझे एक दिन, रात को सपना आया। सात्त्विक मुद्रा का एक व्यक्ति मेरे सामने बैठकर मुझसे बात कर रहा था। विनय पत्रिका पर चर्चा चल रही थी। उसने दो भजनों के अर्थ पूछे, कुछ शंकाएँ थीं। मैं समझा रहा था। वह एकाग्रता से सुन …

Read More ..

मनुष्य की विलक्षणता


(पूज्य बापू जी के सत्संग-प्रवचन से) एक होती है कामना, जो जीवमात्र में होती है – खाने की, पीने की, भोगने की, रखने की। कुत्ते का भी जब पेट भर जाता है तब उसे कोई बढ़िया चीज मिलती है तो वह उसे उठाकर ले जाता है और गड्ढा खोदकर गाड़ देता है कि ‘कल खायेंगे’, …

Read More ..

जो यहाँ मिला वह कहीं नहीं


मेरा नाम जेम्स हिगिन्स है। मैं नौटिंघम (इंगलैंड) का रहने वाला हूँ। फरवरी 2007 को प्रयागराज के अर्धकुंभ के अवसर पर मैं भारत आया था। मेरा परम सौभाग्य था कि मेले में घूमते-घामते मैं संत श्री आसारामजी बापू के पावन सान्निध्य में जा पहुँचा। बापू जी के सत्संग में जाने का मेरा यह पहला अवसर …

Read More ..