213 ऋषि प्रसादः सितम्बर 2010

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

जीवन का परम लक्ष्यः आत्मसाक्षात्कार


पूज्य बापू जी के सत्संग प्रवचन से पूज्य बापू जी के आत्मसाक्षात्कार-दिवस 9 अक्टूबर पर विशेष आज के दिन जितना हो सके आप लोग मौन का सहारा लेना। यदि बोलना ही पड़े तो बहुत धीरे बोलना और बार-बार अपने मन को समझाना कि ‘तेरा आसोज सुद दो दिवस कब होगा ? ऐसे दिन कब आयेंगे …

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हम दुःखी क्यों हैं ?


(पूज्य बापू जी की बोधमयी अमृतवाणी) लोग बोलते हैं हम दुःखी हैं, दुःखी हैं, दुःखी हैं लेकिन वेदान्त कहता है दुःख का वजन कितना है ? 50 ग्राम, 100 ग्राम, 200 ग्राम, किलो, आधा किलो ? दुःख का कोई वजन देखा ? नहीं दुःख का रंग क्या है ? कोई भी रंग नहीं। दुःख का …

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भोजन-पात्र विवेक


भोजन शुद्ध, पौष्टिक, हितकर व सात्त्विक बनाने के लिए हम आहार-व्यंजनों पर जितना ध्यान देते हैं उतना ही ध्यान हमें भोजन बनाने के बर्तनों पर भी देना आवश्यक है। अन्न-पदार्थ जिस बर्तन में पकाये जा रहे हैं उस बर्तन के गुण अथवा दोष उस आहार द्रव्य में समाविष्ट हो जाते हैं। अतः किस प्रकार के …

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