माँ सीता का वात्सल्य
(श्री सीता नवमीः 4 मई) पिता को बेटे की भूख उतनी चिंता नहीं होती जितनी माँ की होती है। हनुमान जी राम जी से कभी नहीं कहते कि ‘मुझे भूख लगी है।’ पर जब लंका में सीता जी के पास पहुँचे तो उनके मुँह से यही निकलाः सुनहु मातु मोहि अतिसय भूखा। (श्रीरामचरित. सुं.का. 16.4) …