कैसे बिठायें प्रवृत्ति व निवृत्ति में तालमेल ?
शंकाः शास्त्र में एक और सर्व-कर्म-संन्यास की बात आती है तो दूसरी ओर कर्म करने का बड़ा भारी विधान भी दिया है। तो हमें क्या करना चाहिए ? और फिर भगवान ने इन्द्रियाँ दी हैं तो कर्म और भोग के लिए ही तो दी हैं ? समाधानः ठीक है, कर्म का विधान शास्त्रों में है …