साधकों की जिज्ञासा, पूज्य बापू जी का समाधान
साधकः शास्त्रों में, सत्संग में आता है कि ‘जगत है ही नहीं’ पर जगत तो प्रत्यक्ष दिखता है, यह कैसे ? पूज्य बापू जीः श्रीराम जी के गुरुदेव महर्षि वसिष्ठजी कहते हैं- “जगत है ही नहीं ।” जैसे जिस समय सपना दिख रहा है उस समय ‘यह सपना है, यह दिख रहा जगत वास्तव में …