343 ऋषि प्रसाद जुलाई 2021

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

जितनी जिम्मेदारी और तत्परता, उतना विकास – पूज्य बापू जी


सत्संग को पाने और समझने के लिए तो राजे-महाराजे राजपाट छोड़कर सिर में खाक डाल के, हाथ में झाड़ू ले के सफाई करने या बर्तन माँजने की सेवा हो तो वह भी स्वीकार करके ब्रह्मवेत्ता गुरुओं को रिझाते थे तब उनको ज्ञान मिलता था । हम भी गुरुद्वार पर बर्तन माँजने की सेवा करते थे …

Read More ..

परिप्रश्नेन
भय लगे तो क्या करें ?


प्रश्नकर्त्रीः बापू जी ! मुझे अकसर बहुत भय लगता है, पता नहींक्यों ?पूज्य बापू जीः पता नहीं क्यों तुमको भय लगता है ? वास्तव मेंभय तुमको कभी लगा ही नहीं है । जब भी भय लगता है तो मन कोही लगता है, भय तुमको छू भी नहीं सकता । अब तुम मन के साथजुड़ जाने …

Read More ..

संत की युक्ति से भगवदाकार वृत्ति व पति की सद्गति… पूज्य बापू जी


संत की युक्ति से भगवदाकार वृत्ति व पति की सद्गति… पूज्य बापू जीएक महिला संत के पास गयी और बोलीः “बाबा जी ! मेरे पति मर गये । मैं उनके बिना जीनहीं सकती । मैं जरा सी आँख बंद करती हूँ तो मुझे वे दिखते हैं । मेरे तन में, मन में जीवनमें वे छा …

Read More ..