343 ऋषि प्रसाद जुलाई 2021

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

मृतक की सच्ची सेवा


एक माता जी ने स्वामी शरणानंद जी को बहुत दुःखी होकर कहाः“महाराज जी ! कुछ समय पहले ही मेरे पति का अचानक देहावसान होगया है । ऐसा क्यों हुआ ? अब मैं क्या करूँ ?”शरणानंदजी ने उन्हें जीवन का रहस्य बताया कि “हिन्दू धर्म केअऩुसार स्थूल शरीर के न रहने पर भी सूक्ष्म तथा कारण …

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आरती में कपूर का उपयोग क्यों ?


सनातन संस्कृति में पुरातन काल से आरती में कपूर (यह आश्रम में व समितियों केसेवाकेन्द्रों से प्राप्त हो सकता है ।) जलाने की परम्परा है । आरती के बाद आरती के ऊपर हाथघुमाकर अपनी आँखों पर लगाते हैं, जिससे दृष्टि-इन्द्रिय सक्रिय हो जाती है । पूज्य बापू जीके सत्संग-वचनामृत में आता हैः “आरती करते हैं …

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इसी का नाम मोक्ष है


हिमालय की तराई में एक ब्रह्मनिष्ठ संत रहते थे । वहाँ का एकपहाड़ी राजा जो धर्मात्मा, नीतिवान और मुमुक्षु था, उनका शिष्य होगया और संत के पास आकर उनसे वेदांत-श्रवण किया करता था । एकबार उसके मन में एक शंका उत्पन्न हुई । उसने संत से कहाः “गुरुदेव !माया अनादि है तो उसका नाश होना …

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