तो तेरा जीवन रथ ठीक चलेगा – पूज्य बापू जी
एक नया-नया चेला शास्त्र पढ़ रहा था, गुरु लेटे-लेटे सुन रहे थे । गुरु गुरु थे (ब्रह्मवेत्ता सद्गुरु थे) । तन तस्बीह मन मणियों, दिल दंबूरो जिन से सुता ई सूंहनि, निंड इबादत जिन जी, तंदूं जे तलब जूं, से दहदत सुर वजनि जिनका तन माला हो गया, मन मनका हो गया और जिनका हृदय …