344 ऋषि प्रसादः अगस्त 2021

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

तीन सच्चे हितैषी – पूज्य बापू जी


सच्चे हितैषी तीन ही होते हैं-1 संयमी, सदाचारी, शांत मन हमारा हितैषी है । जो मन में आयावह करने लगे या मन के गुलाम बने तो वह मन हमारा शत्रु है । जोमन संयमित है, शांत है वही हमारा हितैषी है । असंयमित, अशांत मनतबाही कर देता है ।2 इष्टदेव हमारे हितैषी हैं । ब्रह्मवेत्ता …

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नित्य गुरुज्ञान में रमण करो ! पूज्य बापू जी


नित्य गुरुज्ञान में रमण करो ! पूज्य बापू जीजीवन में उतार चढ़ाव आते रहते हैं । राग-द्वेष अनादि काल सेहै, वह भी तुम्हें झकझोरता होगा लेकिन तुम अपना लक्ष्य बना लो कि‘जैसे मेरे सद्गुरु हर परिस्थिति में सम हैं, शांत हैं, सजग हैं, सस्नेह हैं,सविचार हैं, ससत् हैं, सचित् हैं, सानंद हैं अर्थात् सत् के …

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जब रघुराई बने ‘सेन नाई’ – पूज्य बापू जी


जब रघुराई बने ‘सेन नाई’ – पूज्य बापू जीभक्तमाल में एक कथा आती हैःबघेलखंड के बांधवगढ़ में राजा वीरसिंह का राज्य था । वीरसिंहबड़ा भाग्यशाली रहा होगा क्योंकि भगवन्नाम का जप करने वाले, परमसंतोषी एवं उदार सेन नाई उसकी सेवा करते थे । सेन नाई भगवद्भक्तथे । उनके मन में मंत्रजप चलता ही रहता था …

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