तीन सच्चे हितैषी – पूज्य बापू जी
सच्चे हितैषी तीन ही होते हैं-1 संयमी, सदाचारी, शांत मन हमारा हितैषी है । जो मन में आयावह करने लगे या मन के गुलाम बने तो वह मन हमारा शत्रु है । जोमन संयमित है, शांत है वही हमारा हितैषी है । असंयमित, अशांत मनतबाही कर देता है ।2 इष्टदेव हमारे हितैषी हैं । ब्रह्मवेत्ता …