महान आत्माएँ धरती पर आना चाहती है लेकिन उसके लिए संयमी पति-पत्नी की
आवश्यकता होती है । अतः उत्तम संतान की इच्छा वाले दम्पति गर्भाधान से पहले
अधिक-से-अधिक ब्रह्मचर्य का पालन करें व गुरुमंत्र का जप करें । गर्भाधान के पहले
और गर्भाधान के समय पति-पत्नी की मानसिक प्रसन्नता बहुत अच्छी होनी चाहिए । इसलिए
अनुष्ठान करके उत्तम संतान हेतु सद्गुरु या इष्टदेव से प्रार्थना करें, फिर
गर्भाधान करें । 22 जून 2022 तक का समय तो गर्भाधान के लिए अतिशय उत्तम है ।
गर्भाधान के लिए अनुचित काल
पूर्णिमा, अमावस्या, प्रतिपदा, अष्टमी, एकादशी, चतुर्दशी, सूर्यग्रहण,
चन्द्रग्रहण, पर्व या त्यौहार की रात्रि ( जन्माष्टमी, श्री राम नवमी, होली,
दीवाली, शिवरात्रि, नवरात्रि आदि ), श्राद्ध के दिन, प्रदोषकाल ( सूर्यास्त का
समय, सूर्यास्त से लेकर ढाई घंटे बाद तक का समय ), क्षयतिथि [ देखें आश्रम में सत्साहित्य केन्द्रों पर व समितियों में
उपलब्ध कर्मयोग दैनंदिनी (डायरी)] एवं मासिक धर्म के प्रथम 5 दिन, माता-पिता की मृत्युतिथि, स्वयं की जन्मतिथि,
संध्या के समय एवं दिन में समागम या गर्भाधान करना भयंकर हानिकारक है । दिन के
गर्भाधान से उत्पन्न संतान दुराचारी और अधम होती है ।
शास्त्रवर्णित मर्यादाओं का उल्लंघन नहीं करना चाहिए, नहीं तो आसुरी,
कुसंस्कारी या विकलांग संतान पैदा होती है । संतान नहीं भी हुई तो दम्पति को कोई
खतरनाक बीमारी हो जाती है ।
गर्भाधान के पूर्व विशेष सावधानी
अपने शरीर व घर में धनात्मक ऊर्जा आये इसका तथा पवित्रता का विशेष ध्यान रखना
चाहिए । महिलाओं को मासिक धर्म में भोजन नहीं बनाना चाहिए तथा उन दिनों अपने हाथ
का भोजन अपने परिवारवालों को देकर उनका ओज, बल और बुद्धि क्षीण करने की गलती कदापि
नहीं करनी चाहिए ।
गर्भाधान घर के शयनकक्ष में ही हो, होटलों आदि ऐसी-वैसी जगहों पर न हो ।
ध्यान दें- उत्तम समय के अलावा के समय में भी यदि गर्भाधान हो गया हो तो
गर्भपात न करायें बल्कि गर्भस्थ शिशु में आदरपूर्वक उत्तम संस्कारों का सिंचन करें
। गर्भपात महापाप है, जिसका प्रायश्चित मुश्किल है ।
विशेषः उत्तम संतानप्राप्ति हेतु महिला उत्थान मंडल के ‘दिव्यु शिशु
संस्कार केन्द्रों’ का भी लाभ ले सकते हैं ।
सम्पर्कः 9157389706, 9157306313
उत्तम संतानप्राप्ति में सहायक विस्तृत जानकारी हेतु पढ़ें आश्रम में
सत्साहित्य सेवा केन्द्रों पर व समितियों में उपलब्ध पुस्तक ‘दिव्य शिशु
संस्कार’ ।
सम्पर्कः 079-61210730
स्रोतः ऋषि प्रसाद, नवम्बर 2021, पृष्ठ संख्या 21 अंक 347
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