पूज्य बापू जी के श्रीचरणों में शत-शत नमन।
मैंने परम पूज्य बापूजी से 14 जनवरी 1997 को मंत्रदीक्षा ली थी। मेरे परिवार में मेरी दो बेटियाँ और ससुरजी हैं, सबने बापूजी से दीक्षा ली है। गुरुमंत्र के जप से मेरी बेटी शुभांगी (उम्र 18 वर्ष) की प्रतिभा ऐसी निखरी कि उसने राज्यस्तरीय और राष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिताओं में 2 स्वर्ण, 1 रजत और 3 कांस्य पदक जीते। यह सब गुरुकृपा ही सम्भव हो पाया।
पूज्य बापू जी से दीक्षा लेने के बाद मेरी छोटी बेटी शिवानी (उम्र 13 वर्ष) की प्रतिभा भी इतनी निखरी कि उसने केवल 10 वर्ष की उम्र में मार्शल आर्ट नेशनल चैम्पियनशिप में सुवर्ण पदक प्राप्त किया। इसके बाद उसने राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय अनेक स्पर्धाओं में भाग लिया और कुल 17 स्वर्ण पदक, 4 रजत पदक, 3 कांस्य पदक हासिल किये हैं। 13 वर्ष की उम्र में 24 पदक जीतना, ये सारी सफलताएँ बापू जी के आशीर्वाद का ही फल हैं। ऐसे करोड़ों के उद्धारक प्यारे बापूजी को हमारे बारम्बार प्रणाम !
श्रीमति स्मिता कराले, धार (म.प्र.)
दूरभाष क्र. 07292.232992
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