पापों, रोगों, संतापों का नाश और उत्तम गति प्रदान करनेवाला व्रत
(माघ मास व्रत : १३ जनवरी से १० फरवरी तक ) पूरा माघ मास ही ‘पर्व मास’ माना जाता है | इस मास का ऐसा प्रभाव हे की धरती पर कहीं का भी साफ़ जल गंगाजल की नाई पवित्र, हितकारी माना जाता है | पद्म पुराण (उत्तर खण्ड: २२१.८०) में लिखा है कि – कृते …