सुखी और प्रसन्न गृहस्थ जीवन के लिए… – पूज्य बापू जी ( श्री सीता नवमी 10 मई 2022 )
एक समय की बात है । दंडकारण्य में भगवान श्री रामचन्द्र जी और सीता जी बैठे थे । लक्ष्मण जी गये थे कंद-मूल आदि लेने । सीता जी की दृष्टि पड़ी उस विशाल वृक्ष पर जिसको छूती हुई एक लता ऊपर चढ़ी थी । सीता जी को अपने और राम जी के संबंध का सुमिरन …