357 ऋषि प्रसाद: सितम्बर 2022

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

आँवले का वृक्ष पवित्र-पूजनीय क्यों ? – पूज्य बापू जी


सृष्टि की शुरुआत में भगवान नारायण ने अपने मुँह से जैसेमनुष्य थूकता है ऐसे एक बिन्दु उत्सर्जित किया (छोड़ा) तो वह चन्द्रमाकी नाईं चमचमाता बिंदु धरती पर गिरा और भगवान नारायण कासंकल्प कहो या वनस्पति जंगल का आदि कहो, वहाँ धरती का पहलावृक्ष उत्पन्न हुआ । उस वृक्ष का दर्शन करके देवता लोग आनंदित होनेलगे …

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गुरु संकल्प और लघु संकल्प


भगवान शंकराचार्य का गुर्वष्टकम् डंके की चोट पर संदेश देता हैकि तुम लघु (तुच्छ) संकल्प में तबाह मत हो जाओ ।योगवासिष्ठ महारामायण में आता हैःसर्व स्वसंकल्पवशाल्लघुर्भवति वा गुरुः । (उत्पत्ति प्रकरणः सर्ग 70श्लोक 30)‘सभी लोग अपने लघु संकल्प से लघु होते हैं और अपने गुरु(महान) संकल्प से महान होते हैं ।’छोटे विचारों और कर्मों से …

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दोष प्रकृति में है और निर्दोष होने का सामर्थ्य तुममें है – पूज्य
बापू जी


तोतापुरी महाराज समुद्र की बालू में दोपहर तक लेटे रहते औरधूनी भी जगाते थे । उनके शरीर में पित्तदोष बढ़ गया, इससे उनकास्वभाव गुस्सेवाला हो गया था । एक बार रामकृष्णदेव को पता चला किपौष मास की कड़कड़ाती ठंडी में गुरुजी फलानी जगह पर आये हैं ।रामकृष्णदेव अपने गुरु की महिमा, प्रभाव जानते थे क्योंकि …

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