358 ऋषि प्रसाद: अक्तूबर 2022

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

भगवान के पिताः मेरे गुरुदेव – पूज्य बापू जी


दृढ़ संकल्प के आगे झुकता प्रारब्ध मेरे गुरुदेव बड़े दृढ़ संकल्पवान थे । गुरुदेव जब घर में थे तब उनको एक ज्योतिषी ने बोलाः “आपको 3 बेटियाँ होंगी, 2 जमाई होंगे, एक जमाई हरामी होगा, ऐसा होगा…” परंतु गुरुदेव ने आजीवन ब्रह्मचारी रहने का पक्का इरादा किया तो न एक बेटी हुई, न 3 बेटियाँ …

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आयुर्वेद के क्षेत्र में संत श्री आशाराम जी बापू की योगदान


जीवन का शायद ही कोई ऐसा पहलू होगा जो मानवमात्र के मंगल की सद्भावना से छलक रहे पूज्य संत श्री आशाराम जी बापू के हृदय से अछूता रहा हो । धर्म का रहस्य, योग का सामर्थ्य, संस्कारों का सिंचन, ऐहिक तथा पारमार्थिक सफलता, व्यसनों, तनावों से मुक्ति, उत्तम स्वास्थ्य… हर विषय़ में पूज्य बापू जी …

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ब्रह्मविद्या का केला और गुरुकृपा की इलायची


कटहल की सब्जी बनती है । कटहल इतना दुष्पाच्य होता है कि कटहल खाया तो मानो पेट में पत्थर डाल दिये । अगर युक्ति है तो कटहल भी सुपाच्य हो जाता है । कटहल बहुत दुष्पाच्य है परंतु उसे खाने के बाद केला खाओ तो केला कटहल को पचा देगा । पर फिर केला दुष्पाच्य …

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