वीर्य की रक्षा, जीवन की रक्षा – पूज्य बापू जी
अपनी वृत्ति ज्ञान-संवित (अनुभवस्वरूप आत्मा-परमात्मा) की तरफरखो । बुद्धि नाश मत करो । ज्ञानस्वरूप चैतन्य की तरफ चलो । जोभी काम करो, खूब अक्ल से, सोच विचारकर योजनाबद्ध तरीके से औरसूक्ष्मता से करो तो वृत्ति ज्ञान-संवित की तरफ जायेगी ।नेपोलियन युद्ध में बड़ा कुशल था, बड़ा हिम्मतवाला था । उसकासेनापति ग्राउची सेना ले के आने …