364 ऋषि प्रसाद: अप्रैल 2023

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

इन आठ पुष्पों से भगवान तुरन्त प्रसन्न होते हैं – पूज्य बापू जी


एक बार राजा अम्बरीष ने देवर्षि नारदजी से पूछाः “भगवान कीपूजा के लिए भगवान को कौन से पुष्प पसंद हैं ?”नारदजीः “राजन ! भगवान को आठ प्रकार के पुष्प पसंद हैं । उनपुष्पों से जो भगवान की पूजा करता है, भगवान उसके हृदय में प्रकट होजाते हैं । उसकी बुद्धि भगवद्-ज्ञान में गोता लगाकर ऋतम्भरा …

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आपकी वास्तविक शोभा किसमें है ? – पूज्य बापू जी


भूषणों का भूषण क्या है ? शील । बाहर की सब सम्पत्ति मिलाकरभी व्यक्ति वह सुख, वह चैन, वह शांति, वह कल्याण नहीं पा सकताहै जो शील से प्राप्त होता है । राजवैभव, स्वर्ग का नंदनवन आदि होतेहुए भी इन्द्र को वह आनंद, वह प्रसन्नता न थी जो शीलवान प्रह्लादको थी ।जिनके पास शील है …

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हलकी आदतें निकालने में है बहादुरी – पूज्य बापू जी


अपने को देह मानते हैं, देह के नाम को सच्चा मानते हैं और बसउसी में लगे रहते हैं । और उसी का नाम रहे, कोई ऐसा न कहे कि‘ऐसा नहीं किया, ऐसी जिम्मेदारी नहीं निभायी’ इसलिए रगड़े जा रहे हैं।जितनी समता ज्यादा और राग-द्वेष कम उतना व्यक्ति ऊँचा ।जितना कपट, जितनी वैर लेने की भावना …

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