स्वस्तिक का महत्त्व क्यों ?
स्वस्तिक बनाने की विधि और उसके लाभपूज्य बापू जी के सत्संग-वचनामृत में आता हैः “स्वस्तिक बनातेसमय पश्चिम से पूर्व की तरफ और उत्तर से दक्षिण की तरफ लकीरेंखींच के धन का चिह्न इस प्रकार बनाना चाहिए कि उन लकीरों केबिल्कुल मध्य में वे आपस में मिलें । फिर धन चिह्न के आखिरी छोरवाले बिन्दुओं से …