364 ऋषि प्रसाद: अप्रैल 2023

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

स्वस्तिक का महत्त्व क्यों ?


स्वस्तिक बनाने की विधि और उसके लाभपूज्य बापू जी के सत्संग-वचनामृत में आता हैः “स्वस्तिक बनातेसमय पश्चिम से पूर्व की तरफ और उत्तर से दक्षिण की तरफ लकीरेंखींच के धन का चिह्न इस प्रकार बनाना चाहिए कि उन लकीरों केबिल्कुल मध्य में वे आपस में मिलें । फिर धन चिह्न के आखिरी छोरवाले बिन्दुओं से …

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सुखमय जीवन का रहस्य


गते शोको न कर्तव्यो भविष्यं नैव चिन्तयेत् । वर्तमानने कालेनप्रवर्तन्ते विचक्षणाः ।‘बीती हुई बात का शोक नहीं करना चाहिए और न ही भविष्य कीचिंता करनी चाहिए । बुद्धिमान लोग वर्तमान काल के अनुसार कार्यकरने में प्रवृत्त होते हैं, जुट जाते हैं ।’समझदार लोग वर्तमान काल में रहते हैं, यही तो सुखमय जीवनका रहस्य है ! …

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संत दर्शन व सत्संग के दो अक्षर कहाँ से कहाँ पहुँचा देते हैं ! –
पूज्य बापू जी


संत दर्शन व सत्संग के दो अक्षर कहाँ से कहाँ पहुँचा देते हैं ! –पूज्य बापू जीक्षीरसागर में भगवान विष्णु शयन कर रहे थे । नारदजी आये,बोलेः ”भगवान ! कभी तो आप योगनिद्रा में, ब्रह्मरस में होते हो औरयोगनिद्रा से उठते हो तो सत्संग में । योगनिद्रा में तो चलो आप स्व-स्वरूप में, ब्रह्मस्वरूप में …

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