जितनी निष्कामता उतना आनन्द – पूज्य बापू जी
अकर्तृत्वं अभोक्तृत्वं… भाव को जगाते जायें । काम तो करें किंतुकाम किया हाथ-पैरों ने, सेवा की मन ने, बुद्धि ने, उनको जिसपरमात्मा से सत्ता मिली उसकी स्मृति करते गये तो हो गया परमात्म-सुमिरन । जो काम करते हैं वह ऐसे करें कि काम सेवा हो जाय, बंदगीहो जाय, पूजा हो जाय । हनुमान जी का …