अदम्य साहस व समर्पण की अद्भुत कथा….(भाग-2)
कल हम ने सुना श्रावस्ती नगरी अकाल से ग्रसित थी। समाज की पीड़ा देखकर महात्मा बुद्ध ने अपनी सभा में मुक्त आह्वान किया कि जो भी धन से सेवा करना चाहते हो वो आगे आये और इस सेवा को शिरोधार्य करे । दो – तीन बार आह्वान के बाद भी नगर के कई श्रीमंत बहाने …