कृतघ्न, निंदक बनता है अपने ही विनाश का कारण….
गुरूभक्तियोग के मुख्य सिद्धान्त गुरूभक्तियोग की फिलॉसफी के मुताबिक गुरु एवं ईश्वर एकरूप हैं। अतः गुरू के प्रति सम्पूर्ण आत्मसमर्पण करना अत्यंत आवश्यक है। गुरू के प्रति सम्पूर्ण आत्म-समर्पण करना यह गुरूभक्ति का सर्वोच्च सोपान है। गुरूभक्तियोग के अभ्यास में गुरूसेवा सर्वस्व है। गुरूकृपा गुरूभक्तियोग का आखिरी ध्येय है। मोटी बुद्धि का शिष्य गुरूभक्तियोग के …