महापुरुषों की आज्ञा पालन के महत्व को स्पष्ट करने वाले प्रेरक दो प्रसंग..
गुरु के कार्य का एक साधन बनो, गुरु जब आपकी गलतियां बताएं तब केवल उनका कहा मानों।आपका कार्य उचित है, ऐसा बचाव मत करो। जिसकी निद्रा तथा आहार आवश्यकता से अधिक है, वह गुरु के रुचि के मुताबिक उनकी सेवा नहीं कर सकता।अगर अलौकिक भाव से अपने गुरु की सेवा करना चाहते हो, तो स्त्रियों …