Gurubhaktiyog

बाबा बुल्लेशाह कथा प्रसंग (भाग – 5)


उधर बुल्लेशाह फाका मस्त फकीरी में दिन बसर कर रहा था… गुरू के आश्रम में दीन दुनिया से बिल्कुल बेखबर अपने मौला… अपने सद्गुरू.. इनायत शाह की खुदाई रहनुमाई मे।उसे क्या पता था उसकी वजह से सय्यद हवेली में कलह कलेश की आँधी उठ खड़ी हुई है। वह तो रोजाना की तरह इस दोपहर भी …

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बाबा बुल्लेशाह कथा प्रसंग (भाग-4)


उधर कई दिन बीत गए जब बुल्लेशाह हवेली नहीं लौटा तो उसके परिवार वाले चिंतित हो उठे। किसी को नहीं पता था कि वह कहाँ और क्यों गया है।इसलिए गहरी खोजबीन शुरू हो गई। हर मुमकिन ठौर-ठिकानें पर उसे ढूँढा जाने लगा। खोज की इस दौर में वे जा पहुँचे बुल्लेशाह के उसी दोस्त के …

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बाबा बुल्ले शाह कथा प्रसंग भाग – 3


हजरत इनायत ने देखा कि बुल्लेशाह का जूनून परवान चढ़ चूका है। ईश्वर प्राप्ति बस उसकी एक अभिलाषा नही है, जीवन का मकसद बन चुका है। बुल्लेशाह की तड़प देख कर हजरत इनायत ने बुल्लेशाह को दीक्षा दे दी।दीक्षा पाते ही बुल्लेशाह के भीतर रूहानी रास प्रकट हो गया। वह अलौकिक दौलत से मालामाल हो …

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