272 ऋषि प्रसादः अगस्तः 2015

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

भारत का प्राणतत्वः हिन्दी भाषा


(राष्ट्रभाषा दिवसः 14 सितम्बर) राष्ट्रभाषा का महत्व भाषा अनुभूति को अभिव्यक्त करने का माध्यम भर नहीं है बल्कि यह सभ्यता को संस्कारित करने वाली वीणा एवं संस्कृति को शब्द देने वाली वाणी है। किसी भी देश का प्राणतत्व उसकी संस्कृति होती है। संस्कृति की अभिव्यक्ति भाषा के द्वारा होती है। जो श्रद्धाभाव ‘भारत माता’ में …

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चार प्रकार के मानव


पूज्य बापू जी अनादिकाल से यह संसार चलता आ रहा है और चलता रहेगा। इस संसार में करोड़ों व्यक्ति पैदा होते हैं और चले जाते हैं। इन सबमें मुख्य रूप से 4 प्रकार के लोग होते हैं- एक होते हैं प्रवाही- जैसे नदी का प्रवाह बह रहा हो और उसमें तिनका गिरे तो वह प्रवाह …

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आरोग्यरक्षक व उत्तम पथ्यः करेला


स्वस्थ व निरोग शरीर के लिए खट्टे, खारे, तीखे, कसैले और मीठे रस के साथ कड़वे रस की भी आवश्यकता होती है। करेले में कड़वा रस तो होता ही है, साथ ही अनेक गुणों को अपने भीतर संजोए हुए है। करेला पचने में हलका, रुचिकर, भूख बढ़ाने वाला, पाचक, पित्तशामक, मल-मूत्र साफ लाने वाला, कृमिनाशक …

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