270 ऋषि प्रसादः जून 2015

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

Rishi Prasad 270 Jun 2015

मूर्ख व बुद्धिमान की पहचान


सुकरात से उनके एक शिष्य ने विनम्रता से पूछाः “मूर्ख और बुद्धिमान की क्या पहचान है ?” तत्वज्ञानी महात्मा सुकरात बोलेः “जो ठोकर खाने के बाद अपने अनुभव से भी लाभ न उठाये और ठोकरें ही खाता रहे वह है मूर्ख और जो दूसरों के अनुभवों व महापुरुषों की सीख से लाभ उठा के ठोकर …

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Rishi Prasad 270 Jun 2015

मानव जाति के परम हितैषी सदगुरु


भारत में ब्रिटिश शासन था उस समय की एक घटना है। न्यायालय ने किसी को फाँसी की सज़ा दी। अब उसको फाँसी लगनी है शाम को 5 बजे तो ज्यूरी में जो न्यायाधीश बैठे थे, उनमें एक बंगाली न्यायाधीश ते। उन्होंने किसी गुरु के सम्पर्क में सात्विक साधना, सात्विक व्यवहार किया होगा। उस मुजरिम को …

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Rishi Prasad 270 Jun 2015

जोधपुर संत-सम्मेलन में हुई माँग पूज्य बापू जी को जमानत शीघ्र दी जायः संत-समाज


24 मई को जोधपुर में ‘राष्ट्र जागृति संत-सम्मेलन’ सम्पन्न हुआ, जिसमें देशभर से आये संतों, धार्मिक संस्थाओं एवं समाजसेवी संगठनों के प्रमुखों तथा समाज के गणमान्य लोगों ने वहाँ उपस्थित विशाल जनसमाज को सम्बोधित किया एवं मा. राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भेजा। प्रस्तुत हैं संत-सम्मेलन में उद्बोधित कुछ अंशः संत कृपाराम जी महाराज, गुरुकृपा आश्रम, …

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