051 ऋषि प्रसादः मार्च 1997

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

कर खिजमत फकीरों की….


पूज्यपाद संत श्री आसारामजी बापू दो राजकुमार थे। बड़ा भाई राज्य के मोह में पड़ गया लेकिन छोटा भाई सच्ची आजादी पाने के लिए  सच्चे सदगुरु की खोज में निकल गया और उसने खोजते-खोजते ऐसे सत्यस्वरूप का साक्षात्कार किये हुए सच्चे सदगुरु को पा भी लिया। नानक और कबीर जैसे महापुरुष को पाकर, उनके बताये …

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