098 ऋषि प्रसादः फरवरी 2001

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

भारतवासियो ! अब जागो


संत श्री आसारामजी बापू के सत्संग-प्रवचन से शास्त्रों में आता हैः पूर्वे जनुषि या नारी गर्भघातकारी ह्यभूत्। गर्भपातेन दुःखार्ता साઽत्र जन्मनि जायते।। ʹजो स्त्री पूर्वजन्म में गर्भ का घात करती है, वह इस जन्म में भी गर्भपात का दुःख भोगने वाली होती है अर्थात् उसके कोई संतान नहीं होती।ʹ अपने पेट में दवाएँ डलवाकर अथवा …

Read More ..

अपनी योग्यता बढ़ाओ


संत श्री आसाराम जी बापू के सत्संग-प्रवचन से जीवन जीने के दो मार्ग हैं। श्रेय मार्ग और प्रेय मार्ग। श्रेयस बोलता हैः ʹदे दो…. दे दो…. अपने पास जो कुछ भी उसे दूसरों की सेवा में लगा दो, दूसरों की आवश्यकतापूर्ति में लगा दो।ʹ प्रेयस बोलता हैः ʹले लो… ले लो…. अपने पास बहुत कम …

Read More ..

अगर है शौक मिलने का तो कर खिदमत फकीरों की


संत श्री रैदास जी महाराज जयंतीः 8 फरवरी 2001 काशीनरेश अपने मंत्री से कहते हैं- “बाहर से तो मैं बड़ा सुखी हूँ क्योंकि मेरे पास यौवन, आरोग्यता और संपत्ति है, लेकिन भीतर से दुःखी भी बहुत हूँ क्योंकि हृदय में शांति नहीं है। अभी मैंने परम शांति नहीं पाई है, अपनी अंतरात्मा के सुख का …

Read More ..