199 ऋषि प्रसादः जुलाई 2009

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

वास्तविक भगवान


(पूज्य बापू जी के सत्संग-प्रवचन से) अपने शास्त्र, इष्टमंत्र और गुरु परम्परा – इन तीन चीजों से पूर्णता प्राप्त होती है । मनमाना कुछ किया और सफलता मिली तो व्यक्ति अहंकार में नष्ट हो जायेगा और विफलता मिली तो विषाद में जा गिरेगा । साधना ठीक है कि नहीं यह कैसे पता चलेगा ? यह …

Read More ..

सर्वज्ञ होते हुए भी अनजान


(पूज्य बापू जी के सत्संग-प्रवचन से) ‘विष्णुसहस्रनाम’ के 64वें श्लोक में भगवान का एक नाम दिया गया है ‘अविज्ञाता‘ अर्थात् अनजान । भगवान सबके आत्मा बनकर बैठे हैं तो सब कुछ जानते हैं लेकिन बड़े अनजान भी हैं । कैसे ? इसकी व्याख्या करते हुए भक्तजन बोलते हैं कि ‘भक्तों के दोष देखने में भगवान …

Read More ..

यज्ञोपवीत से स्वास्थ्य लाभ


यज्ञोपवीत धारण करने से हृदय, आँतों व फेफड़ों की क्रियाओं पर अत्यंत अनुकूल प्रभाव पड़ता है । मल-मूत्र त्याग के समय कान पर कसकर जनेऊ लपेटने से हृदय मजबूत होता है । आँतों की गतिशीलता बढ़ती है, जिससे कब्ज दूर होता है । मूत्राशय की माँसपेशियों का संकोचन वेग के साथ होता है । जनेऊ …

Read More ..