कर्म का फल
(पूज्य बापू जी के सत्संग-प्रवचन से) वृन्दावन में बलेदवदास जी महाराज हो गये । वे बहुत अच्छी सूझबूझ के धनी थे । वे सुबह तीन बजे उठते और वृन्दावन की प्रदक्षिणा करने के लिए निकल जाते तथा सूरज उगते-उगते वापस आते । एक दिन उन्होंने देखा कि कुछ लोग भंडारा कर रहे हैं । बलदेवदास …