आरोपों की वास्तविकता
(जनहित में प्रसारित) पिछले कुछ वर्षों से भारतीय संस्कृति के विरोधियों ने संस्कृति के आधारस्तम्भ सतों सत्पुरुषों को विशेषरूप से निशाना बनाना शुरु किया है। संत श्री आसारामजी बापू एवं उनके आश्रम, जो सत्संग के साथ सेवायोग द्वारा मानवमात्र के उत्थान में लगे हैं, उनके पीछे कुछ विधर्मी तत्त्व काफी लम्बे समय से पड़े हुए …