211 ऋषि प्रसादः जुलाई 2010

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

किया योग्यता का दुरूपयोग हुआ मौत से संयोग


(पूज्य बापू जी के सत्संग-प्रवचन से) आपके पास मानने की, जानने की, करने की शक्ति है, अतः आप ऐसे सत्कर्म करो जिन कर्मों से अंतर्यामी परमात्मा संतुष्ट हो, अहंकार पुष्ट न हो, लोभ-मोह न बढ़े, द्वेष, चिंता न बढ़े, ये सब घट जायें। आपके पास जो भी धन, सत्ता योग्यता है, अगर उसके साथ ईश्वरप्राप्ति …

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जो गुरु-आज्ञा के जितने करीब होते हैं, उतने वे खुशनसीब होते हैं


(पूज्य बापू जी के सत्संग प्रवचन से) पूज्य मोटा सन् 1930 में स्वतंत्रता संग्राम में आन्दोलनकारियों के साथ लगे थे तो एक बार साबरमती जेल में गये। साबरमती जेल में जब कैदी ज्यादा हो जाते थे तो उनको खेड़ा जेल में ले जाते थे। जब कैदियों का स्थानांतरण होता तो जेल के एक छोटे-से दरवाजे …

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हृदयमंदिर की यात्रा कब करोगे ?


(पूज्य बापूजी के सत्संग प्रवचन से) कलकत्ता में दो भाई रहते थे। दोनों के पास खूब धन-सम्पदा थी। उनके बीच इकलौता बैटा था प्राणकृष्ण सिंह। ये दोनों भाइयों की सम्पत्ति के एकमात्र उत्तराधिकारी थे। उनके यहाँ भी एक ही लड़का था। उसका नाम था कृष्णचंद्र सिंह। उनके दादा जी, पिता उन्हें प्यार से ‘लाला’ कहकर …

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