216 ऋषि प्रसादः दिसम्बर 2010

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

अंतःकरण की शुद्धि बड़ी उपलब्धि


(पूज्य बापू जी के सत्संग-प्रवचन से) हमारा और परमेश्वर का सनातन संबंध है, सीधा संबंध है। हमारा और वस्तुओं का संबंध, हमारा और व्यक्तियों का संबंध माना हुआ है। माना हुआ संबंध, मान्यताएँ बदलती हैं और वस्तुएँ टूटती-फूटती है, बदल जाती हैं। वास्तविक संबंध किसी भी परिस्थिति में नहीं टूटता। वास्तविक संबंध को जानना है …

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