सदगुरु के प्रति कृतज्ञता प्रकटाने का पर्वः गुरुपूर्णिमा
पूज्य बापू जी की ज्ञानमयी अमृतवाणी किसी चक्र के केन्द्र में जाना हो तो व्यास का सहारा लेना पड़ता है। यह जीव अनादिकाल से माया के चक्र में घटीयंत्र (अरहट) की नाईं घूमता आया है। संसार के पहिये को जो कील है वहाँ नहीं पहुँचा तो उसका घूमना चालू ही रहता है और वहाँ पहुँचना …