सर्वांगीण शुद्धि द्वारा परम शुद्धि का साधनः गीता पूज्य बापूजी
गीता जयंतीः 23 दिसम्बर 2012 श्रीमद् भगवदगीता ने कमाल का भी कमाल कर दिया ! गीता यह नहीं कहती कि तुम ऐसी वेशभूषा पहनो, ऐसा तिलक करो, ऐसा नियम करो, ऐसा मजहब पालो। नहीं-नहीं, गीता (18-57) में आता है। बुद्धियोगमुपाश्रित्य मच्चितः सततं भव। ʹसमबुद्धिरूप योग का अवलम्बन लेकर मेरे परायण और निरंतर मुझमें चित्तवाला हो।ʹ …