तीर्थ में पालने योग्य 12 नियम – पूज्य बापू जी
अश्वमेधसहस्राणि वाजपेयशतानि च। लक्षं प्रदक्षिणा भूमेः कुम्भस्नानेतत्फलम्।। ʹहजारों अश्वमेध यज्ञ, सैंकड़ों वाजपेय यज्ञ और लाखों बार पृथ्वी की प्रदक्षिणा करने से जो फल होता है, वही फल एक बार कुम्भ स्नान करने से प्राप्त हो जाता है।ʹ तीर्थ में 12 नियम अगर कोई पालता है तो उसे तीर्थ का पूरा फायदा होता हैः हाथों का …