हे मनुष्यो ! एकजुट हो जाइये….
समानी व आकूतिः समाना हृदयानि चः। समानमस्तु वो मनो यथा वः सुसहासति।। ‘हे मनुष्यो ! तुम लोगों के संकल्प और निश्चय एक समान हों, तुम सबके हृदय तक एक जैसे हो, तुम्हारे मन एक समान हों ताकि तुम्हें सब शुभ, मंगलदायक, सुहावना हो (एवं तुम संगठित हो के अपने सभी कार्य पूर्ण कर सको)।’ (ऋग्वेदः …