311 ऋषि प्रसादः नवम्बर 2018

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

इससे बड़ा सौभाग्य क्या हो सकता है !


भगवान ने अपना दैवी कार्य करने के लिए हम लोगों के तन को, मन  को पसंद किया यह कितना सौभाग्य है ! और ईश्वर की यह सेवा ईश्वर ने हमें सौंपीं यह कितना बड़ा भाग्य है ! समाज और ईश्वर के बीच सेतु बनने का अवसर दिया प्रभु ने, यह उसकी कितनी कृपा है ! …

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किन लोगों को शनि नहीं सताता ? – पूज्य बापू जी


पुराणों की प्रचलित कथा है। किसी को पाँच वर्ष की, किसी को साढ़े सात वर्ष की शनैश्चर की पनोती (ग्रहबाधा) लगती है। यह शनीचरी किसको लगती है और किसको नहीं लगती है यह जरा समझ लेना। एक बार शनीचरी आयी भगवान राम के पास और बोलीः “हे रघुवर ! आप मेरे से लड़िये। मैंने कइयों …

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उस पर कभी विवाद न करें


परमहंस योगानंद जी अपने जीवन का एक संस्मरण बताते हुए कहते हैं- “एक बार मैं अपने एक दलाल मित्र के साथ भारत के संतों की चर्चा कर रहा था। उसने मेरी बातों में कोई उत्साह नहीं दिखाया। उसने कहाः “ये सब तथाकथित संत झूठे हैं। वे ईश्वर को नहीं जानते हैं।” मैंने बहस नहीं की …

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