314 ऋषि प्रसादः फरवरी 2019

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

ब्रह्मज्ञानी गुरु की युक्ति दिलाती दोषों से मुक्ति-पूज्य बापू जी


एक आत्मारामी महात्मा थे । घूमते-घामते गये एक राजा के पास । उसने आवभगत की । महात्मा बोलेः “क्या चाहिए बेटा ?” राजाः “पड़ोसी राजा को देखकर मुझे खूब परेशानी होती है । वह तो बूढ़ा हो गया है पर उसका लड़का जवान है । अब वह राजगद्दी पर बैठेगा । महाराज ! मेरे को …

Read More ..

रूप-लावण्य को त्यागा, भक्ति को पाया-पूज्य बापू जी


दक्षिण भारत में एक कन्या हो गयी । बाल्यकाल में ही उसके माँ-बाप मर गये थे । एक कवि ने उसे पाला-पोसा । जब वह 16  वर्ष की हुई तो उसके धर्म के माता-पिता उसके विवाह की बात चलाने लगे । जितनी वह रूपवान थी,  उतनी समझदार और चरित्रवान भी थी । उसने भगवान को …

Read More ..

फास्ट युग में फास्ट प्रभुप्राप्ति हेतु…. पूज्य बापू जी


आज के इस फास्ट युग में जैसे हम भोजन पकाने, कपड़े धोने, यात्रा करने, संदेश भेजने आदि व्यावहारिक कार्यों में फास्ट हो गये हैं, वैसे ही क्यों न हम प्रभु का आनंद, प्रभु का ज्ञान पाने में भी फास्ट हो जायें ? पहले का जीवन शांतिप्रद जीवन था इसलिए सब काम शांति से, आराम से …

Read More ..